अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे - In Hindi
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे –
1. मधुमेहमधुमेह के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम के फायदे देखे गए हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को राइट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग एक्सरसाइज (Right nostril breathing) यानी सूर्य भेदन प्राणायाम से फायदा हो सकता है। यह भी प्राणायाम का हिस्सा है। इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है। इसलिए, यह मधुमेह के विरुद्ध एक कारगर यौगीक अभ्यास है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज पांच से दस मिनट रोजाना अनुलोम-विलोम का अभ्यास भी कर सकते हैं।
2. हृदय स्वास्थ्य
हृदय रोगों से बचने के लिए भी अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे हैं। प्राणायाम या ब्रीथिंग एक्सरसाइज सांस को नियंत्रित करने के साथ-साथ ह्रदय की गति और उसमें आए परिवर्तन को नियंत्रित करने का काम करता है। ह्रदय के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह ह्रदय की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
3. गठियाअनुलोम विलोम प्राणायाम हड्डी से जुड़े गठिया जैसे रोग में भी कारगर है। गठिया होने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्थराइटिस होने के पीछे हृदय रोग भी है। यहां अनुलोम-विलोम आपकी मदद कर सकता है। यह एक कारगर प्राणायाम है, जो हृदय की गति को नियंत्रित करने के साथ-साथ हृदय की क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। ध्यान रहे कि हृदय रोग के अलावा मधुमेह और मोटापे के कारण भी अर्थराइटिस हो सकता है। इस लिहाज से भी अनुलोम विलोम योगा आपकी मदद कर सकता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम मधुमेह से राहत दे सकता है और शरीर में चर्बी की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है।
4. माइग्रेन
माइग्रेन के लिए भी अनुलोम विलोम के लाभ देखे जा सकते हैं। यह एक प्रकार का सिरदर्द है, जो दिनभर आपको परेशान कर सकता है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के पूरे सिर या आधे सिर में असहनीय दर्द होता है। माइग्रेन अवसाद और चिंता की वजह हो सकता है। यहां आपकी मदद अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीथिंग एक्सरसाइज अवसाद और चिंता को दूर करने का काम कर सकती है, जिससे माइग्रेन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
5. एकाग्रता
अनुलोम विलोम योगा का एक काम एकाग्रता बढ़ाना भी है। खासकर, विद्यार्थी अपने कंसंट्रेशन पावर को मजबूत करने के लिए इस खास ब्रीथिंग एक्सरसाइज का अभ्यास कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम नर्वस सिस्टम को नियंत्रित के साथ-साथ मस्तिष्क की न्यूरोनल गतिविधियां में भी सुधार कर सकता है, जिससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
6. वजन होता है कम
वजन को नियंत्रित करने के लिए भी अनुलोम विलोम योगा किया जा सकता है। यह ब्रीथिंग एक्सरसाइज शरीर में चर्बी या फैट की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करती है, जिससे आसानी से बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है।
7. कब्ज
कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी अनुलोम विलोम के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं अनुलोम-विलोम नाड़ी-शोधन प्रक्रिया है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नाड़ी शोधन कब्ज से निजात देने का काम कर सकता है। इस प्राणायाम का लाभ आप तभी ले सकते हैं, जब आप इसे सही से करें, इसलिए किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक का मार्गदर्शन जरूर लें।
8. शरीर को डिटॉक्स करता है
अनुलोम विलोम के फायदे में शरीर को डिटॉक्स करना भी शामिल है। कई बार खान-पान में बरती गई लापरवाही शरीर में विषाक्ता का कारण बन जाती है। शरीर को विषाक्ता से दूर या डिटॉक्स रखने के लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। महर्षि पतंजलि के अनुसार प्राणायाम न सिर्फ शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी अपनी भूमिका निभाता है।
9. मानसिक शांति
खुद को शांत रखने के लिए मन-मस्तिष्क का शांत रहना बहुत जरूरी है। प्राणायाम ऐसी योग प्रक्रिया है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से आपको शांत करने का काम करेगी। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीथिंग एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास आपको चिंता और अवसाद से दूर रखने का काम करता है। साथ ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। तनाव मुक्त रहने के लिए भी आप रोजाना अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते हैं।
10. रक्त संचार
शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे देखे जा सकते हैं। अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास सिस्टोलिक रक्तचाप (SBP) और डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) को कम कर सकता है।
11. त्वचा की चमक
त्वचा के लिए भी अनुलोम विलोम के फायदेमंद हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है अनुलोम विलोम योगा एक नाड़ी शोधन क्रिया है, जो शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स करने का काम करती है, जिससे त्वचा को भी लाभ मिल सकता है। त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए प्राणायाम किस प्रकार काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
अनुलोम-विलोम करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए:
शाम की तुलना में सुबह आठ बजे से पहले अनुलोम विलोम के फायदे ज्यादा हैं।
अगर आप पहली बार अनुलोम-विलोम कर रहे है, तो किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में यह अभ्यास करें।
अनुलोम-विलोम का अधिक लाभ पाने के लिए खान-पान पर ध्यान रखें।
यह जरूर सुनश्चित कर लें कि अनुलोम-विलोम करने के स्टेप सही हों।